माता रमाबाई अंबेडकर के जीवन संघर्ष से हर मूलनिवासी को लेना चाहिए प्रेरणा–संकल्प, तभी होगा देश, समाज और परिवार सुरक्षित।

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माता रमाबाई अंबेडकर के जीवन संघर्ष से हर मूलनिवासी को लेना चाहिए प्रेरणा–संकल्प, तभी होगा देश, समाज और परिवार सुरक्षित।

 

रुड़की के अंबेडकर भवन सुनेहरा में 7 फरवरी को करुणामूर्ति माता रमाबाई अंबेडकर की 127 वीं जयंती पर माता रमाबाई अंबेडकर महिला कल्याण समिति के तत्वाधान में विचार गोष्ठी और जागृति गीत संगीत कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस मौके पर संयुक्त आयोजक मंडल की टीम ने माता रामबाई और मूलनिवासी महा पुरखों को पुष्पांजलि अर्पित की।

संविधान प्रबोधक इंजीनियर ललित कुमार ने माता रमाबाई अंबेडकर के जीवन संघर्ष पर संक्षिप्त प्रेरणादाई विचार रखे। जिसे सुनकर महिलाओं के आंसू छलक आए, यह ऐतिहासिक और अविस्मरणीय पल रहा जिसमें उपस्थित महिलाओं और सैकड़ो की संख्या में उपस्थित जनसमूह को माता रमाबाई अंबेडकर के जीवन संघर्ष को आदर्श के रूप में अपनाने का संकल्प धारण करने की प्रेरणा मिली।

इस मौके पर संविधान प्रबोधक ने वर्तमान विकट परिस्थितियों और चुनौतियों का युवा, महिला और समस्त मूलनिवासियों को सामना करने का मार्गदर्शन किया। जिसके लिए सभी को आगे आने के लिए अपनी भूमिका अदा करनी होगी। उन्होंने कहा कि माता रमाबाई के जीवन संघर्ष से हर मूलनिवासी को प्रेरणा संकल्प लेना चाहिए। तब ही होगा देश, समाज और परिवार सुरक्षित।

उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित लोगों को 16 फरवरी को रुड़की में आयोजित “महा जन्मोत्सव” कार्यक्रम में बड़ी से बड़ी संख्या के साथ उपस्थित रहने की अपील की और साथ ही कार्यक्रम को उत्तराखंड का ऐतिहासिक कार्यक्रम बनाने के लिए विशेष योगदान करने की भी अपील की।

माता रमाबाई अंबेडकर जयंती के अवसर पर रुड़की और अन्य क्षेत्रों से आए सैकड़ो लोगों ने बड़ी संख्या में सहभाग किया।

कार्यक्रम में मुख्य आयोजक और मार्गदर्शक के तौर पर माता रमाबाई अंबेडकर महिला कल्याण समिति की अध्यक्ष मा. कुंता बौद्ध और उनकी समस्त टीम ने अहम भूमिका निभाई।

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