2 फरवरी को शिप्स कॉलेज रीवा संभाग रीवा मध्य प्रदेश में हुई बैठक के विचार विमर्श का बिंदु “समाज की गैर राजनीतिक जड़े कैसे मजबूत हो। “
1 min read2 फरवरी को शिप्स कॉलेज रीवा संभाग रीवा मध्य प्रदेश में हुई बैठक के विचार विमर्श का बिंदु “समाज की गैर राजनीतिक जड़े कैसे मजबूत हो। “
उपरोक्त विषय के संबंध में सभी बुद्धिजीवियों, समाजसेवियों एवं चिंतको के मन में दुख एवं पीड़ा है कि बहुजन समाज ईमानदार मेहंनती एवं निष्ठावान होते हुए भी हम आपस में एक दूसरे पर विश्वास नहीं कर पा रहे हैं जिसका खामियाजा पूरे समाज को भुगतना पड़ रहा है यदि समाज ने आपस में एक दूसरे पर विश्वास करना प्रारंभ नहीं किया तो वह दिन दूर नहीं जब बाबा साहब का दिया गया संविधान समाप्त हो जाएगा और देखा भी जा रहा है देश में गरीबों एवं मध्यम वर्गीय लोगों के लिए उल्टी गिनती प्रारंभ हो चुकी हैं ।
व्यक्तिगत प्रयास करने वाले बहुत सारे व्यक्तियों एवं नेताओं ने इधर-उधर भटक कर अनुभव प्राप्त कर चुके हैं की इधर-उधर भटकने से ना तो उन्हें कुछ मिला है और ना ही मिलने वाला है और ना तो समाज को ही कुछ प्राप्त होगा।
- समाज के हित में ही हमारा हित है।
विचार विमर्श में निम्नांकित प्रमुख बिंदु निम्नवत रहे।
1) अब हमें अपने व्यक्तिगत स्वार्थ का त्याग करते हुए समाज के प्रति पूरी तरह से निष्ठावान होकर कार्य करना होगा . हमें कथनी और करनी एक जैसी रखने की आवश्यकता है।
2) शिक्षा के साथ-साथ मूल निवासी महापुरुषों की विचारधारा को जन जन तक पहुंचाने का कार्य पुनः प्रारंभ किया जाए। जो बहुजन समाज में जन्मे सभी महापुरुषों की जयंती एवं पुण्यतिथि मनाकर ऐतिहासिक एवं इतिहास की जानकारी देते हुए जागरूकता का कार्य किया जा सकता है।
3) समाज के लालची और स्वार्थी व्यक्तियों को चिन्हित करना होगा।
4) समता मूलक संविधान को सामूहिक प्रयासों द्वारा पूर्णतया लागू करवाना होगा एवं देश के अंतिम व्यक्ति तक संविधान के प्रति जागरूकता पैदा करना एवं संविधान के प्रमुख बिंदुओं की जानकारी देना होगा जो गांव-गांव मोहल्ले मोहल्ले जाकर टीमवर्क द्वारा संभव है।
5) समाज में हो रहे अन्याय अत्याचार के खिलाफ सामूहिक रूप से जागरूक जनों को एकत्रित होना होगा लड़ाई लड़नी होगी जिससे आमजन में संगठन के प्रति विश्वास पैदा होगा।
किसी एक व्यक्ति पर हुए अन्याय अत्याचार पर बिना जातिगत भेदभाव के एक साथ खड़े होना होगा।
5) सभी कम जनसंख्या वाली जातियों को राजनीतिक प्रतिनिधित्व पंचायत, वार्ड, जनपद, जिला पंचायत विधानसभा और लोकसभा में दिए बिना कोई संगठन स्थाई नहीं बन सकता।
6) “जाति तोड़ो समाज जोड़ों” कार्यक्रम पर विशेष जोर देने की आवश्यकता है। अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देना।
7) युवाओं को समाज के कैडर ट्रेनिंग देने की अति आवश्यकता है।
8) अपने आप को उच्च जाति का एवं श्रेष्ठ मानने वाले लोग अन्य सभी पिछड़ी जातियों के बड़े बुजुर्गों का पहले सम्मानितअभिवादन कर सम्मान करें। एवं सभी साथी गण आपस में एक दूसरे का सम्मान करें।
9) स्वास्थ्य ,शिक्षा, बैकलॉग पदों की भर्ती, जातिगत जनगणना के लिए नियमित आंदोलन चलाने की आवश्यकता है।
10) नेतृत्व कर्ता को समाज में आदर्श प्रस्तुत करना होगा भटके हुए और भ्रमित व्यक्तियों को नेतृत्व कतई नहीं सौंपना चाहिए।
11) सभी एससी एसटी ओबीसी के लोगों का शुद्र या मूल निवासी प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन की आवश्यकता है।
12) छुआछूत , अंधविश्वास उन्मूलन के विशेष कार्यक्रम का आयोजन।
13) राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक रूप से आंशिक संपन्न ओबीसी एससी एसटी की जातियों को थोड़ा संयम करते हुए ओबीसी एससी एसटी की अति पिछड़ी जातियों को आगे आने का मौका देना होगा।
14) “हम ही सर्वश्रेष्ठ हैं” के झूठे अहंकार को त्यागना होगा मूलनिवासी समाज के कहे गए मूल शब्दों पर ना जाकर उनके भाव को समझने का प्रयास करना होगा। प्रत्येक जागरूक और समझदार व्यक्ति को खुद पर नियंत्रण रखना होगा। बहुजन समाज के पास शब्दकोश की अत्यंत कमी है।
15) आंदोलन के लिए धन की व्यवस्था किसी एक व्यक्ति पर निर्भर न होकर” पेबैक टू सोसायटी ” को प्रोत्साहित करना होगा।
16) समाज एवं देश के प्रति निष्ठावान ,विचारवान व्यक्तियों की सतत खोज एवं विकास का प्रयास।
17)” बात कम और काम ज्यादा” के सिद्धांत पर कार्य करना होगा।
18) समाज के जागरूक व्यक्तियों को समय देना होगा
19) बच्चों एवं युवाओं को संस्कारवान बनाने एवं आत्मविश्वास बढ़ाने हेतु नियमित खेलकूद, सांस्कृतिक कार्यक्रम सामाजिक कार्यक्रमो , संविधान शिक्षा कार्यक्रम का आयोजन एवं पुरस्कार प्रदान करना
20) समाज के बच्चे, युवाओं को नशा,अपराध एवं असामाजिक गतिविधियों को रोकने का प्रयास से संबंधित कार्यक्रमों का नियमित आयोजन।
एकता के अभाव में विद्वता का कोई महत्व नहीं है
उपरोक्त सुझाव सभा में उपस्थित विद्वानों द्वारा बहुजन समाज को एकत्रित एवं जागरूक करने के लिए सुझाए गए हैं आगे की सभाओं में उपरोक्त बिंदुओं पर क्रियान्वयन कैसे किया जाना है चर्चा कर रूपरेखा तैयार की जाएगी सभा में निम्नांकित विद्वानजन उपस्थित रहे।
भांते महेंद्र बौद्ध जी,पूर्वसांसद बुद्धसेन पटेल जी, मास्टर बुद्धसेन पटेल जी, रामायण सिंह जी , जानकी सेन जी, श्रीनिवास सेन जी, हेमराज सिंह जी,बाबूलाल सेनजी, लक्ष्मण साहूजी, शंकर सुमन विश्वकर्माजी, बद्री प्रसाद कुशवाहा जी, प्रभात वर्मा जी, राजेंद्र विश्वकर्माजी, डॉ पुष्पराज सिंह जी, पप्पू कनौजिया जी, राजकुमार सोनी जी, गंगा प्रसाद सोंधिया जी, राकेश यादव जी, मुन्ना जयसवाल जी, छोटेलाल रजक जी, भक्तराज सिंह जी, राधा रमन पटेल जी,अनुपम अनूप जी, भैया लाल सकेत जी, रवि राज बंसल जी, अशोक वर्मा जी, दल प्रताप सोधिया जी जी ,रजनीश कुशवाहा जी, सज्जन सिंह यादव जी, रावेन्द्र रजक जी, नंदकिशोर सोधिया जो, गतिलेश कुशवाहा जो ,शुभम कुशवाहा जी, एडवोकेट कमलेश कुशवाहा जी सिरमौर ,दीपक कुशवाहा जी, एडवोकेट संतोष कुशवाहा जी,, गुरचरण बौद्ध जी,सूरज बली कुशवाहा जी, रोशन कुशवाहा जी, बी डी वर्मा जी, नीरेंद्र सिंह जी, धर्मेंद्र कुशवाहा जी, रामानुज साकेत जी, रमेश कुशवाहा जी, तुलसीदास कुशवाहा जी, सचिन कुशवाहा जी, सुरेश विश्वकर्मा जी, देवेंद्र कुशवाहा जी, राजेंद्र कुशवाहा जी, भैया लाल साकेत जी, वीरेंद्र कुमार कुशवाहा जी
कार्यक्रम संयोजक
रामसखा नापित समाजसेवी (रिटायर्ड आकाशवाणी)
जेपी कुशवाहा समाजसेवी(8109251595)