महाबोधि महाविहार मुक्ति के लिए चल रहे आमरण अनशन का 8वां दिन

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महाबोधि महाविहार मुक्ति के लिए चल रहे आमरण अनशन का 8वां दिन, बिगड़ रही भिक्षुओं की तबीयत, काली पट्टी बांधकर बैठे लोग 

 

Bodhgaya, 19 फरवरी 2025: बिहार के बोधगया स्थित भगवान बुद्ध की ज्ञानस्थली महाबोधि महाविहार की मुक्ति के लिए चल रहे आमरण अनशन का 8वां दिन चल रहा है पिछले दो दिन से भिक्षुओं की तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही है। सरकार ने अभी तक इस आमरण अनशन पर बैठे लोगों की कोई सुध नहीं ली है। सरकार का विरोध करने के लिए लोगों ने आज काली पट्टी बांधकर विरोध शुरू किया। लोगों का कहना था कि यह सरकार अंधी हो चुकी है इसलिए हम काली पट्टी बांधकर केंद्र और बिहार सरकार का विरोध कर रहे हैं।

 

इसके साथ ही महाबोधि महाविहार मुक्ति के लिए चल रहे आंदोलन को समर्थन करने टीवी एक्टर गगन मलिक पहुंचे। गगन मलिक ने आमरण अनशन पर बैठे लोगों और भिक्षुओं से भेंट की। गगन मलिक ने महाबोधि महाविहार को ब्राह्मण महंत के कब्जे से मुक्त कर महाविहार बौद्धों को सौंपने का समर्थन किया।

 

बोधगया में आंदोलन के बीच अचानक महाबोधि विहार में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पहुंच गए, उन्होंने मंदिर में भगवान बुद्ध के दर्शन किए। आमरण अनशन के बीच रामनाथ कोविंद के पहुंचने पर आंदोलन के संयोजक विलास खरात ने कहा कि जब यह राष्ट्रपति थे तब ब्राह्मणवाद फैलाते रहे और अब जब आंदोलन चल रहा है तो उसे भटकाने के लिए पूर्व राष्ट्रपति कोविंद का आगमन हुआ है।

 

विलास खरात ने कहा कि आज काली पट्टी बांधकर हम बिहार सरकार और केंद्र सरकार का विरोध कर रहे हैं और उनका धिक्कार भेज रहे हैं। विलास खरात ने कहा कि धिक्कार है ऐसी सरकार पर जो 8 दिन बाद भी भिक्षुओं की तबीयत बिगड़ने पर कोई सुध नहीं ले रही है और बौद्धों के पूजा स्थल महाबोधि महाविहार पर ब्राह्मणों के कब्जे को जायज ठहरा रही है।

 

आमरण अनशन के सातवें दिन भी देश के विभिन्न क्षेत्रों से बोधगया में हजारों लोगों का आगमन हुआ और उन्होंने आंदोलन को समर्थन दिया। देश के पिछड़े दलित आदिवासी बहुजन बौद्ध लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है और यह मुद्दा अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बन चुका है। देश भर के बहुजनों का कहना है कि इस मंदिर को ब्राह्मण महंत के कब्जे से मुक्त होना चाहिए।

विलास खरात कहना है कि ब्राह्मण महंत महाविहार पर कब्जा कर उसे विष्णु का मंदिर बताता है और इसके साथ ही कई बार शिव का मंदिर बताता है। विलास खरात ने कल यह भी बताया था कि ब्राह्मण महंत बड़ी संख्या में बुद्ध की मूर्तियों को अपने निवास में दबाकर बैठा है और उन मूर्तियों पर सब्जियां काटता है। इसके साथी ब्राह्मण महंत के द्वारा ब्राह्मणों के साथ मिलकर महाबोधि महाबिहार परिसर में एक जगन्नाथ के नाम से ब्राह्मण मंदिर बना दिया गया है। ब्राह्मण महंत पंचवर्षीय भिक्षुओं के विहार पर भी कब्जा कर उसे महाभारत काल का मंदिर बताते हैं और पंचवर्गीय भिक्षुओं की बुद्ध की मूर्तियों को पांच पांडव बताते हैं।

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